यूपी में 2022की पहली तिमाही में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन राजनीतिक लाभ हानि के आकलन में लगी यूपी की डबल ईंजन सरकार आगामी चुनाव की तैयारी के लिए आस्तीन चढ़ा कर जुट चुकी है। भाजपा हर कीमत पर आगामी विधानसभा चुनाव में परचम बरकरार रखना चाहती है लेकिन प्रदेश में जातिवाद की बयार ने हालात बिगाड़ कर रख दिए हैं प्रदेश के सभी राजनीतिक दल बाती बाती से संप्रदाय व समुदाय जाति को जोड़कर चुनाव की वैतरणी को पार करने की तैयारी में जुटे हैं जहां समाजवादी पार्टी और बसपा मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर लुभाने के लिए तमाम प्रयास कर रही है वही बसपा की प्रपत्र रैली में ब्राह्मणों को जिस तरह से नवाजा गया और मन से ही जय श्री राम मैं भारत माता की जय के नारे लगे उससे यह साफ हो गया है कि तमाम पार्टियां सत्ता हासिल करने के लिए अपनी पुरानी रीति नीति में परिवर्तन करने के लिए टूटी हुई है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सामने भी चुनौती पेश आ रही है एक और किसान आंदोलन के चलते पार्टी की मुश्किलें बड़ी है वही बसपा द्वारा पर हम लोगों को लुभाने के सिलसिले को देखते हुए पार्टी को तमाम जाती है समीकरण में संतुलन कायम करना लाजिमी हो गया है इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेश से जितिन प्रसाद को भाजपा में एंट्री दी यह उसी दिन से मार लिया गया था कि जितिन प्रसाद ने सिर्फ ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के लिए अगर पंक्ति में स्थापित किए जाएंगे उन्हें ब्राह्मण चेहरा बनाकर पार्टी अपनी सोशल इंजीनियरिंग को धार देने की कोशिश करेगी आज प्रदेश सरकार में चाटने मंत्री शामिल करना किसी जातीय समीकरण को संतुलित करने का प्रयास है जिसमें कई पिछड़ी जातियों को मंत्री पद देकर तुष्टिकरण करने का प्रयास किया गया है आज के मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में पिछड़े व दलित समाज को भी ब्राह्मण समाज के साथ.साथ मंत्री पद से नवाज कर सोशल इंजीनियरिंग करने का प्रयास किया है पार्टी का प्रयास कितना सफल रहता है और पार्टी के समस्त मंडल विस्तार से क्या फायदा या नुकसान होने वाला है यह है आने वाला समय बताएगा लेकिन इतना निश्चित है कि यह 100 दिन के मंत्री पार्टी की जातीय तुष्टीकरण पर सभी वर्गों जातियों में पैठ बनाने की जगत भर मालूम पड़ते हैं यदि पार्टी सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को साल 2 साल पहले क्रियान्वित करती तो इसके परिणाम कुछ इधर आ सकते थे अब जब मात्र 4 महीने का समय सरकारी क्रियाकलाप के लिए बचा है सब यूपी मंत्रिमंडल में शामिल हुए 7 नए चेहरे प्रदेश के विकास में कुछ खास कर पाएंगे ऐसी कल्पना करना आत्म संतुष्टि से अधिक कुछ नहीं है। ज्ञात हो कि आज लखनऊ स्थित राजभवन में हुआ कार्यक्रम प्रतीक्षित था। चुनाव से पहले जातीय समीकरण साधने के लिए जितिन प्रसाद को केबिनेट मंत्री बनाया गया है। उन्हें एम एल सी भी बनाया गया है।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन के गांधी सभागार में किया गया जहां यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। जितिन प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली जबकि पलटू रामए छत्रपाल गंगवारए संजीव कुमारए संगीता बलवंत बिंदए दिनेश खटिक और धर्मवीर प्रजापति को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इसके साथ ही योगी कैबिनेट में सात नए मंत्री शामिल हो गए हैं। आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। दिनेश खटिक ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। संजीव कुमार ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। गाजीपुर के सदर सीट से विधायक संगीता बलवंत बिंदू ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। यूपी के बलरामपुर से विधायक पलटू राम ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली। बरेली की बहेड़ी सीट से केविधायक छत्रपाल गंगवार ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली।
जितिन प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वाले इन सात मंत्रियों में एक ब्राह्मण के अलावा मल्लाहए कुर्मीए पिछड़े वर्गए दलित व अनुसूचित जाति से हैं। आज मुख्यमंत्री योगी ने गन्ना समर्थन मूल्य 325 से बढ़ाकर 350 रू प्रति क्विंटल की घोषणा की है। यह एक गेम चेंजर काम है। देखिए अभी और क्या होता है।