नयी दिल्ली ।केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग से गुणवत्ता और उत्पादकता सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए कहा है कि अगले पांच वर्षों में 13 औद्योगिक क्षेत्रों में 26 अरब डॉलर की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनायें (पीएलआई) शुरू की जाएंगी।
गोयल शनिवार को यहां ‘सीआईआई-होरासिस इंडिया मीटिंग 2021’ के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि
देश के स्टार्टअप में एक नई ऊर्जा है। भारतीय स्टार्टअप व्यावसायिक सफलता की कहानियों से अधिक हैं और वे भारत के परिवर्तन की कुंजी हैं।
गोयल ने सभी से ‘स्टार्टअप इंडिया’ को ‘राष्ट्रीय भागीदारी और राष्ट्रीय चेतन’ का प्रतीक बनाने का आग्रह किया और कहा कि काविड-19 की बाधाओं के बावजूद, भारत में आर्थिक पुनरुद्धार के स्पष्ट संकेत हैं। निर्यात बढ़ रहा है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्रवाह सबसे अधिक है। भारतीय उद्योग वास्तव में विकास पथ पर है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत 2021-22 में 400 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिशन के तौर पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय विकास की कहानी अब ईओडीबी से लेकर निर्यात तक और स्टार्टअप से लेकर सेवाओं तक सभी क्षेत्रों में दिखाई दे रही है, भारत प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी छलांग लगा रहा है।गोयल ने कहा कि भारत उद्योग, निवेश और नवाचार के लिए पसंदीदा स्थान है। यह स्थिति पिछले सात वर्षों में संरचनात्मक परिवर्तन लाने के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई है। इनमें से कुछ प्रमुख परिवर्तनों में बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण, आधुनिकीकरण, सरलीकरण और सुविधा शामिल हैं। विकास केंद्रित सुधारों ने भारत को एक समग्र आर्थिक परिवर्तन शुरू करने में सक्षम बनाया है और इसके परिणामस्वरूप, भारत गति - स्थिरता, उत्पादकता, उद्यम, उद्यमिता और मांग के साथ बढ़ रहा है।