लखनऊ,। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में विपक्ष के तमाम दावों से उलट भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी सुनिश्चित हो चुकी है। भाजपा की जीत कितनी जोरदार है, इसे लखीमपुर खीरी सहित एक दर्जन जिलों में उसके क्लीन स्वीप से समझा जा सकता है। इन जिलों में विपक्ष जीत के लिए तरसता रहा।
गोरखपुर की सभी नौ सीटें भाजपा जीतने में कामयाब रही, जबकि पिछली बार चिल्लूपार सीट बसपा के पास थी। तब यहां पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी जीते थे। इस बार वह सपा के टिकट पर मैदान में थे। देवरिया की सभी सात सीटें भाजपा को मिल रही हैं। पिछली बार भाटपाररानी सीट सपा के पास थी।कुशीनगर की सभी सात सीटें भाजपा को मिल रही हैं। पिछली बार तमकुहीराज कांग्रेस के पास थी। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू इस बार अपनी सीट हार गए हैं। गोंडा जिले की सातों विधानसभा सीटों में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने विजय पताका फहराई है। हरदोई में भी आठों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने विजय पताका फहराई है। 2017 के चुनाव में यहां की सात सीटों पर भाजपा काबिज हुई थी।
लखीमपुर में भाजपा ने प्रदर्शन दोहराते हुए सभी आठों सीटों पर जीत दर्ज की। सुलतानपुर में भाजपा ने सभी पांच सीटें जीत ली हैं। 2017 में भाजपा ने यहां चार सीटें जीती थीं। पीलीभीत जिले की चारों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। पिछलेे चुनाव में भी पार्टी ने चारों सीटें जीती थीं। आगरा की सभी नौ, अलीगढ़ कीं सभी सात, हाथरस की सभी तीन और मथुरा में सभी पांच सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।