लाकडाउन के बाद रेलों का किराया बढ़ने से गरीबों पर पड़ी दोहरी मार

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 09 Jul 2021 , 18:37:49 PM
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नगीना। यह समस्या आम जनता की समस्या है विचार करने योग्य  विषय है लॉक डॉउन  व कोरोना महामारी के चलते कारोबार खत्म होने से गरीबों को सफर करना भी आसान नहीं रहा। रेलवे ने किराया बढ़ा कर जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूरों का पंजाब,चंडीगढ़ में के काम करने के लिये आना जाना लगा रहता है।वही एक बड़ी तादाद में गम्भीर रोगों के उपचार हेतु भी मध्यम वर्गीय लोगों का ट्रेनों से आना जाना लगा रहता है। गरीब वर्ग के लोगों के उपचार के लिये हॉस्पिटल पीजीआई चंडीगढ़ भी जाते रहते है। पीजीआई में गरीब मजदूर बेसहारा रोगियों का उपचार कम पैसों में सही से हो जाता है।पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ़ जाने के लिये लोगों का एकमात्र सहारा लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली ट्रेन संख्या 12231@12232 थी। जिसका किराया कोरोना महामारी से पहले नगीना से चंडीगढ़ का जनरल टिकट 100रू था। लेकिन अब बढ़कर 140 रू0 स्लीपर क्लास का टिकट 215 रू० था। जो अब 415 रू0 हो गया है। इस स्थिति में गरीब मजदूर बेसहारा मध्यमवर्ग के परिवारों के सामने बड़ी जटिल समस्या पैदा हो गई है।गरीब परिवार रेल किराया बढ़ने से अपने बीमार रोगियों का उपचार के लिये चंडीगढ़ पीजीआई हॉस्पिटल ले जाने से वंचित हो रहे हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण देश की जनता जहाँ महामारी से त्रस्त है।वहीं लॉक डॉउन के चलते कारोबार भी खत्म हो गये। लोगों के समक्ष परिवार का पालन-पोषण करना बड़ा मुश्किल हो गया।कोरोना महामारी ने मध्यम वर्ग की कमर ही तोड़ कर रख दी।सरकार गरीबों के नाम से जो योजनाओं को जारी कर रखा है,उन योजनाओं का पूरा लाभ गरीब परिवारों को नही मिलता।नगर के गरीब मजदूर बेसहारा लोगों ने देश के प्रधानमंत्री व भारतीय रेल मंत्री व जीएम रेलवे नई दिल्ली को इस ओर ध्यान दिलाते हुए कहा है कि। पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ़ में गरीब मजदूरों बेसहारा लोगों के परिवारों के उपचार को ध्यान में रखते हुए। लखनऊ चंडीगढ़ की ट्रेन संख्या 12231@12232 के बढे किराये को वापस लिया जाये।





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