वाराणसी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 31 अगस्त तक प्रजनन काल के चलते मछलियों के पकड़े, मारने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा बुधवार को इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति नदियों में मत्स्य बीज एवं मछली अवैधानिक शिकारमाही/विक्रय करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके विरुद्ध फिशरीज एक्ट 1948 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
श्री शर्मा ने कहा कि वाराणसी जिले की सीमा के तहत तमाम नदियों की समस्त जल धाराओं में मत्स्य बीज पकड़ने,नष्ट करने एवं मत्स्य शिकारमाही पर प्रतिबंध लागू किया है। कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य से प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा।
जिलाधिकारी ने यह भी आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजननशील मछलियों को न ही पकड़ेगा, न ही मारेगा और न ही बेचेगा तथा 15 जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा, और न ही नष्ट करेगा, न ही बेचेगा, जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग द्वारा निर्गत वैध लाइसेंस न हो।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में लगाए गए अवरोधक सामग्रियां, पकड़े गए मत्स्य जीरा एवं मछली समेत संबंधित चीजें जब्त कर ली जाएंगी। जिलाधिकारी ने प्रतिबंधित अवधि के दौरान नदियों से मछली एवं मत्स्य बीज की शिकारमाही की चेकिंग के लिए संबंधित जलधारा क्षेत्र के राजस्व, पुलिस एवं मत्स्य विभाग की टीम को अधिकृत किया है। इन प्रतिबंध की अवधि के दौरान जो भी व्यक्ति नदियों में मत्स्य बीज एवं मछली अवैधानिक शिकारमाही/विक्रय करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके विरुद्ध फिशरीज एक्ट 1948 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।