नयी दिल्ली । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले फोन टैपिंग से संबंधित रिपोर्ट लीक किये जाने को देश के खिलाफ षड़यंत्र करार देते हुए आज कहा कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां षड़यंत्रों से देश की विकास यात्रा को नहीं रोक सकती।
मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी सदस्यों द्वारा कार्यवाही में गतिरोध पहुंचाने को लोकतंत्र तथा संसद का अपमान बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा।
शाह ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज शाम को एक बयान जारी कर कहा, “ मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है – ‘राष्ट्रीय कल्याण’ और हम इसकी सिद्धि के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे चाहे कितनी भी बाधाएं आयें।”
गृह मंत्री ने कहा, “ संसद के आज के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए।”शाह ने कहा कि मानसून सत्र से देशवासियों की ढ़ेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुडी हैं। किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब व वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक और सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी सभी विपक्षी दलों के नेताओं को स्वयं आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा , “ अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री जी द्वारा केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया जिसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो मोदी जी द्वारा महिलाओं और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं।”