विपक्षी दलों का संसद भवन से विजय चौक तक मार्च

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 14 Dec 2021 , 18:46:47 PM
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नयी दिल्ली। कांग्रेस तथा कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा के सभी 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति से विजय चौक तक मंगलवार को मार्च किया।

मार्च में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश, शिव सेना के संजय राउत, द्रमुक के तिरुचि शिवा सहित कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन के दौरान सदस्य एक बड़ा बैनर लेकर चल रहे थे जिसमें 12 सदस्यों का निलम्बन वापस करने की मांग की गई। कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां भी लिए थे जिनमें ‘लोकतंत्र बचाओ और संविधान बचाओ तथा तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लिखे थे।

मार्च के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विजय चौक में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है और सदन में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है तथा विपक्ष को संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं करने दी जा रही है।

विपक्षी दलों के प्रदर्शन तथा विपक्ष के सदस्यों के निलम्बन पर उन्होंने कहा “विपक्षी दलों का यह प्रदर्शन संसद में उनकी आवाज दबाने के खिलाफ है। सदन की कार्यवाही से जिन सदस्यों को सत्र के लिए निलम्बित किया गया है उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिसके कारण उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।”गांधी ने कहा कि सदस्यों के निलम्बन के 14 दिन हो गये हैं। विपक्ष जिन मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है उसे सरकार नहीं करने दे रही है और जब विपक्ष अपनी बात उठाना चाहता है तो लोगों को धमकाया जाता है। इन सदस्यों को राज्यसभा के सभापति या सरकार ने नहीं बल्कि उन दो-चार पूंजीपतियों ने निलम्बित किया है जो किसानों के हक को छीनना चाहते हैं। उनका कहना था कि यह वह शक्ति है जो सरकार को पीछे से चला रहे हैं और किसानों की कमाई पर नजर गाढ़े हुए हैं।

यह पूछने पर कि लखीमपुरखीरी की घटना को लेकर वह संसद के भीतर और बाहर गृहराज्य मंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांग पर कोई कदम नहीं उठा रही है, इस पर गांधी ने कहा कि यहां भी वही शक्ति काम कर रही है और उस शक्ति के चलते सरकार कोई कदम नहीं उठा सकती है। दो-चार पूंजीपतियों का सरकार पर कब्जा है और यह सरकार उनकी शक्ति से ही चल रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार का कब्जा मीडिया पर भी है। यह कब्जा भी इन्हीं पूंजिपतियों की शक्ति की वजह से है और यह वही शक्ति है जिसके कारण प्रधानमंत्री की गंगा स्नान की तस्वीर सभी टीवी चैनलों पर दिखाई जाती है। प्रधानमंत्री के अलावा गंगा में अन्य लोग स्नान करते है लेकिन किसी को टीवी पर नहीं दिखाया जाता है। देश किसानों को यह सच्चाई पहचाननी होगी कि इसके पीछे भी वही पूंजीपतियों की शक्ति है जो किसानों को मारना चाहती है जो किसानों का हक छीनना चाहती है और मीडिया पर भी उसी शक्ति का कब्जा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमला किया और कहा कि वह तानाशाही रवैया अपनाए हैं। संसद चल रही है और विधेयक पारित हो रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है और लोकतंत्र को चलाने का तरीका नहीं है।

शिव सेना के संजय राउत ने कहा कि सभापति से बार-बार कहा जा रहा है लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं है। विपक्ष के सदस्य 12 दिनों से गांधीजी के चरणों में बैठे हैं और दूसरे गांधी (राहुल गांधी) के साथ आज चलकर आये हैं। सरकार समझ लेना चाहिए कि विपक्ष अब रुकने वाला नहीं है और जब तक सरकार बात नहीं मानती विपक्ष का आंदोलन जारी रहेगा।द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि राज्य सभा के जिन 12 सदस्यों को निलम्बित किया गया है, उन पर पहले सत्र में हुई घटना के आधार पर कार्रवाई की गई है। विपक्ष को बात नहीं करने दिया जा रहा है। सदस्यों के निलम्बन को लेकर हर दिन सरकार से मांग की जा रही है लेकिन सरकार विपक्ष की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। सदस्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठे हैं लेकिन उनकी मांग को लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस की डोलासिंह ने कहा कि सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है और मनमाने तरीके से विधेयक पारित किये जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर देश को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष देश को बचाने तथा संविधान की रक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे।

समाजवादी पार्टी के विशम्भर निषाद ने कहा कि विपक्ष के सदस्य गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठे हैं लेकिन सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है। उनका कहना था कि वह विधानसभा में भी रहे हैं लेकिन लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं हुआ लेकिन विपक्ष सरकार की मनमानी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेगी।

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने कहा कि आज सरकार बहुमत के घमंड में है और इसी के तहत काम किया जा रहा है। उनका कहना था कि पहले भी संसद में बहुमत की सरकारें रही हैं लेकिन कभी इस तरह का घमंड बहुमत की सरकारों में नहीं देखा गया गया। उन्होंने कहा कि सरकार मानने वाली नहीं है और उनके हक की यह लड़ाई लम्बी चलेगी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चौहान ने कहा कि संसद लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है और यहां विपक्ष की बात सुनी जाती है लेकिन मोदी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है और विपक्ष की बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को जनता की बात सदन में उठाने का अधिकार है लेकिन सरकार विपक्ष को यह अधिकार नहीं दे रही है और जनता की बात उठाने पर सदस्यों को निलम्बित किया जा रहा है। उनका कहना था कि जब तक सदस्यों का निलम्बन वापस नहीं लिया जाता सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ऐलामारा करीम ने कहा कि वह भी निलम्बित सदस्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता के बीच जाएगा और अपनी बात रखेगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम ने कहा कि विपक्षी दल इस निलम्बन के खिलाफ एकजुट हैं और मिलकर सरकार से निलम्बित सदस्यों के निष्कासन को वापस लेने की लडाई लड़ते रहेंगे।

आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों का निलम्बन अनुचित है, उनसे क्षमा मांगने की बात की जा रही है जो ठीक नहीं है। उनका कहना था कि किस बात के लिए क्षमा मांगे सदस्य, जब उन्होंने कोई गलत काम ही नहीं किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य एकजुट हैं और सब मिलकर सरकार के विरुद्ध अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।






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