विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा, रास दिन भर के लिए स्थगित

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 22 Jul 2021 , 16:40:44 PM
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नयी दिल्ली  राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मुद्दों पर गुरुवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई जिससे कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका।

इससे पहले भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही बारह बजे और फिर दो बजे तक स्थगित की गयी थी।

संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ था। विपक्ष के हंगामे के कारण अब तक राज्यसभा में कोरोना की स्थिति पर चर्चा को छोड़कर कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका है।

भोजनावकाश के बाद जैसे ही दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उप सभापति हरिवंश ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विन वैष्णव का नाम पेगासस मामले पर वक्तव्य देने के लिए पुकारा। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट आ गए। उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से अपनी जगह पर लौटने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदस्य जिस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं उस पर वक्तव्य क्यों नहीं होने देते।

इस बीच श्री वैष्णव ने वक्तव्य पढ़ने की कोशिश की तो एक सदस्य ने उनके हाथ से पेपर छीनने की कोशिश की। विपक्ष का विरोध इतना तेज था कि वह अपनी बात नहीं रख सके और उन्होंने अपना वक्तव्य सदन के पटल पर रख दिया। विपक्षी सदस्य आसन के निकट भी कागज फाड़ कर उछाल रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच उपसभापति ने सदन में अव्यवस्था का माहौल देख कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर आज सुबह से ही सदन में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे तक और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

विपक्ष सभी विधायी कामकाज रोककर पेगासस जासूसी मामले तथा किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने पर अड़िग है जबकि सरकार इसके लिए अभी तैयार नहीं है। दोनों पक्षों के अपने अपने रूख पर अड़े रहने से गतिरोध की स्थिति बन गयी है।





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