वैश्विक शांति दूत भारत के लिए पूरा विश्व बेहतरीन की प्रार्थना कर रहा हैl अमेरिका अब तक $50 करोड़ की भारत को मदद कर चुका है

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 06 Jul 2021 , 15:57:39 PM
  • Share With



अमेरिका अब तक $50 करोड़ की भारत को मदद कर चुका है।
अमेरिका के शीर्ष नागरिक अधिकार नेता रेव जेस जैक्सन ने सी,एन,एन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की भारत के गुटनिरपेक्ष और वैश्विक शांति के प्रयासों के कारण ही पूरा विश्व भारत तथा उनके नागरिकों की कोविड-19 के संक्रमण से खुशहाली और बेहतरी के लिए प्रार्थना कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत शीघ्र इस भयानक संक्रमण से अपनी सुरक्षा कर एक उन्नत राष्ट्र बनने की दिशा में कदम उठाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोना कॉल के शुरुआती दौर में अमेरिका, ब्रिटेन तथा लगभग 20 विकासशील देशों को दवाई वैक्सीन की मदद से संक्रमण काल में अपने नागरिकों की रक्षा के लिए मदद की थी। धीरे-धीरे भारत में करोना के संक्रमण फैलने से भारत में भारी संख्या में संक्रमण तथा मौतों का आंकड़ा बढ़ता गया। करोना के दूसरे संक्रमण काल में भारत देश में भयावह स्थिति बन गई थी।भारत में लगभग 4 लाख लोगों की इसी संक्रमण से मृत्यु हो गई है। और इसी तरह लाखों लोग संक्रमण से पीड़ित होकर अलग-अलग बीमारियों से संक्रमित हो गए थे। तब भारत में वैश्विक स्तर पर और खासकर अमेरिकी प्रशासन से कोविड-19 के संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई लड़ने में मदद मांगी थी।और इसी परिपेक्ष में करोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका अब तक भारत को $50 करोड़ डॉलर यानी लगभग 3657 करोड़ रुपयों की सामग्री की मदद कर चुका है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने समाचार एजेंसियों से कहा कि इस सहायता में अमेरिका की संघीय तथा राज्य सरकारें ,अमेरिकी संगठन तथा निजी लोग की ओर से की गई मदद भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत विमानों के जरिए स्वास्थ्य सामग्री,n95 मस्क, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट, और दवाएं भेजी गई इसमें वैक्सीन भी शामिल है। ऐसा नहीं है कि अमेरिका खाली भारत की ही मदद कर रहा है, बल्कि वह महामारी से प्रभावित दक्षिण एशिया के देशों के लिए भी आवश्यक सहायता मुहैया करा रहा है। जेन साकी ने बताया कि अमेरिका भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों को 8 करोड़ कोविड-19 के इंदौर प्रदान करेगा। यह महत्वपूर्ण है की भारत की विदेश नीति सदैव शांति स्थापित करने की रही है। एवं लगभग 50 महत्वपूर्ण देशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र प्रमुखों से निजी व्यक्तिगत संबंध काफी प्रगाढ़ और मधुर रहे हैं। और इसी के चलते पूरी दुनिया भारत की मदद करने के लिए तत्पर है।विकसित राष्ट्रों में ब्रिटेन, फ्रांस,कनाडा,ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड संयुक्त अरब अमीरात सबने खुलकर भारत की संक्रमण की स्थिति को देखते हुए खुलकर मदद की है। तब जाकर भारत करोना संक्रमण पर नियंत्रण पा सका है।
हालांकि भारत स्वयं भी व् वैक्सीन निर्माण में काफी हद तक आत्मनिर्भर है ,और भारत जेनेरिक दवाओं के निर्माण में पूरी दुनिया में नंबर एक पर रहा है। पर भारत की जनसंख्या इतनी विशाल है कि इसके लिए विदेशी मदद की आवश्यकता थी। अमेरिका की एक महत्वपूर्ण संसदीय समिति ने एक विशेष प्रस्ताव पारित कर कोविड-19 के संक्रमण के खिलाफ भारत की मदद के लिए एकजुटता दिखाई है।इसके साथ ही विदेशी मामलों पर संसद की समिति ने अमेरिकी राष्ट्रपति से भारत को इस भीषण संक्रमण की स्थिति में सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया है। संसद के इस विशेष प्रस्ताव में सांसद ब्रेड सरमन और स्टीव केबेट की भूमिका महत्वपूर्ण रही है और उन्हीं के द्वारा प्रस्ताव लाया गया जिसमें कि 24 अन्य जिम्मेदार सांसद 6 प्रस्तावक भी थे, जोकि विदेशी मामलों पर संसद समिति के सदस्य हैं। सभी सदस्यों ने एकमत होकर महामारी की शुरुआत के दिनों में भारत द्वारा अमेरिका को दी गई सहायता,प्रदान की गई दवाओं की खुलकर तारीफ की थी। भारत मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि सभा में एक विशेष विधेयक पेश किया है, जिसमें भारत तथा अर्जेंटीना जैसे विकासशील देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण में होने वाली मृत्यु पर चिंता जता कर अमेरिकी प्रशासन पर अमेरिकी मदद बढ़ाने की मांग की है। नोविड एक्ट नामक इस विधेयक में अमेरिका से वैश्विक महामारी के खिलाफ व्यापक एवं विस्तृत अभियान चलाने का अनुरोध किया है। ताकि आने वाली किसी भी तीसरी लहर से बचा जा सके। इस एक्ट में अमेरिका से करोना महामारी के खिलाफ वैश्विक रणनीति बनाने एवं उस पर लागू करने की मांग की गई है। भारत मैं कोविड-19 के संक्रमण तथा संक्रमण से होने वाली मौतों पर एवं संक्रमण से बाधित लाखों लोगों के प्रति अमेरिका, सहित सऊदी अरेबिया, ईरान, इराक,इजरायल, ब्रिटेन,कनाडा,फ्रांस,स्विजरलैंड और अन्य यूरोपीय देशों में भी संवेदना प्रकट कर हर तरह की मदद की पेशकश भी की है। और यह सब भारत की वैश्विक नीति शांति सौहार्द और सद्भावना के कारण ही संभव हो पाया है। इसके अलावा भारत को आने वाली संभावित कोविड-19 की तीसरी लहर के संक्रमण से बचाने हेतु 100% प्रयास करने होंगे। इसके अलावा भारतीय नागरिकों का भी तीसरी लहर से बचने तथा संक्रमण फैलने से बचाव की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी भारत देश के नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए गए निर्देशों का पूर्णता पालन करना होगा अन्यथा तीसरी लहर को आने से रोकना कठिन हो जाएगा।





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान