सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश हो गया अपना भारत

नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार | पब्लिक एशिया
Updated: 06 Nov 2021 , 15:13:05 PM
  • Share With



 अगर मैं पूछूं कि दुनिया में सबसे ज्यादा युवा किस मुल्क में रहते हैं? तो इसका सही जवाब होगा – भारत में। पूरे 44 करोड़ युवाओं का देश है अपना भारत। इतनी विशाल युवा आबादी और कहीं नहीं मिलेगी। इनमें वे युवा भी शामिल हैं, जिनका जन्म 1981 से 1996 के बीच हुआ है। अमेरिकी अंदाज़ में इन्हें मिलेनियल्स कहा जाता है। पश्चिमी देशों की तो समस्या ही यह है कि वहां की ज्यादातर आबादी बुढ़ाने लगी है। एक तो उन मुल्कों में वैसे ही जनसंख्या कम है, ऊपर से युवा आबादी कम है। भारत की कहानी अलग है। यहां जनसंख्या उफान पर है, उसमें भी युवाओं की तादाद ज्यादा है। जाहिर है, आने वाला कल इन्हीं युवाओं का है। देश अपनी युवा शक्ति को संभाल ले तो सब संभल जायेगा। बच्चों और युवाओं को एक समझदार और जिम्मेदार नागरिक बनाने का काम शिक्षा करती है।

जबकि जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव की बयार है, तो स्पष्ट है कि शिक्षा में भी उसकी झलक दिखनी चाहिए। समय-समय पर शिक्षा और पाठ्यक्रमों में परिवर्तन होते रहने चाहिए। परंतु ऐसा होता नहीं है। एक नामी यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता पाठ्यक्रम को करीब से देखने का मौका मिला, तो मैं सन्न रह गया। पोस्ट ग्रेजुएट लेवल का यह कोर्स बाबा आदम के जमाने का है। दुनिया कहां से कहां पहुंच गयी। सोशल मीडिया ने जन-संचार के मायने ही बदल डाले, लेकिन इस सिलेबस में सब कुछ बेहद किताबी, बोरिंग, पुराना और बासी है। बताइए, इस तरह के कोर्स को करने के बाद किसी युवा पत्रकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। पाठ्यक्रम और पढ़ाई इस तरह की तो हो कि छात्र कोर्स पूरा करने के बाद सीधे कामकाज में लग सके। इसके लिए शिक्षा को उद्योग धंधों से जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिलता रहे और वे काम करने लायक बन सकें।  

गुलाबी धूप : नवंबर का महीना अपने साथ एक नहीं अनेक सौगातें लेकर आता है। इन्हीं दिनों शुरू हो जाती है हवा में सर्दी की खनक। शाम जल्दी घिर आती है और धूप गुलाबी लगने लगती है। सर्दी की सुबह गुनगुनी धूप में बैठकर चाय पीने और अखबार पढ़ने का आनंद ही निराला है। वैसे भी धूप तो जीवनदायिनी होती है। पूरी सृष्टि ही सूर्य देव की कृपा पर निर्भर है। चिकित्सकों का कहना है कि धूप सेंकने से शरीर में एंटीबॉडी अधिक बनते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की शक्ति पैदा करते हैं। शरीर के इम्यून सिस्टम का काम होता है एंटीबॉडी तैयार करना। धूप इसके काम में उत्प्रेरक का रोल अदा करती है। धूप का एक फायदा यह भी है कि इससे सूजन और उच्च रक्तचाप को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।

धूप दिमाग की कार्य क्षमता में वृद्धि करती है और विटामिन डी के निर्माण में मददगार होती है। शोध से पता लगा है कि प्रात: 11 बजे से दोपहर एक बजे तक की धूप में बैठने से शरीर को विटामिन डी की अच्छी खुराक मिलती है। इस विटामिन के दो रूप होते हैं। एक होता है विटामिन डी-2 और दूसरा डी-3 कहलाता है। डी-2 हमें भोजन से प्राप्त हो जाता है, जबकि डी-3 सिर्फ और सिर्फ धूप में बैठने से मिलता है। हालांकि, रोगियों को इस विटामिन की पूर्ति के लिए कुछ कंपनियां विटामिन डी-3 के कैप्सूल बनाने लगी हैं, लेकिन वे नाकाफी हैं। असली विटामिन डी-3 धूप से ही प्राप्त होता है। हर दिन करीब 20 मिनट भी धूप में रहा जाये तो त्वचा की कोशिकाएं पर्याप्त डी-3 का निर्माण कर लेती हैं।       

एनवी मंत्रा : जीवन को जितना सरल रखा जाए, बेहतर है। सच्चा आनंद प्रकृति के साथ चलने और सभी जीव-जंतुओं से सामंजस्य बैठाते हुए जीने में है।





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान