सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का जैन समाज ने किया विरोध

public asia | पब्लिक एशिया ब्यूरो
Updated: 13 Dec 2022 , 15:00:44 PM
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छपरौली में श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी दिगंबर जैन मंदिर के प्रांगण में मंगलवार को एक मीटिंग रखी गई जिसमें जैन समाज के लोग इकट्ठा हुए जिसमें सम्मेद शिखर तीर्थराज को पर्यटन स्थल की सूची से बाहर करने की मांग की गई। धर्म सभा में पंचकल्याणक सेवा समिति के प्रधान श्री प्रदुमन जैन जी ने कहा कि झारखंड स्थित सम्मेद शिखर 20 जैन तीर्थंकरों की एवं अनंत संतो का मोक्ष स्थल हैं वही सम्मेद शिखर का कण कण पावन है और जैन समाज के लिए एक पूजनीय स्थल है। लेकिन 2 अगस्त 2019 को झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित जैन शाश्रृत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग मांगकर इको सेंसेटिव जोन के‌ अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन स्थल और गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दे दी गई। मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष राहुल जैन ने बताया कि जैन समाज का यह तीर्थक्षेत्र श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है और पर्यटन शुरू होने पर तीर्थ क्षेत्र की गरिमा और पवित्रता भी खत्म होगी क्योंकि जैन समाज के द्वारा 27 किमी की वंदना नंगे पैर होती है और पर्यटन होने पर उस क्षेत्र में मांस मदिरा का उपयोग भी होगा जिससे जैन तीर्थ क्षेत्र की गरिमा और पवित्रता समाप्त हो जाएगी। केंद्र सरकार इस पर्यटन क्षेत्र के निर्णय पर पुनः विचार कर तत्काल इसे वापस ले जिससे क्षेत्र की गरिमा सुरक्षित रह सके। इस अवसर पर जैन समाज के पदाधिकारीगण और सदस्य मौजूद रहे। प्रदुमन जैन पीयूष जैन राहुल जैन प्रिंस जैन राकेश जैन मनोज जैन मोनू जैन संजीव जैन अमित जैन आदि मौजूद रहे।





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