सरकार को देर में ही सही , दुरुस्त बुद्धि आई : पवार

पब्लिक एशिया ब्यूरो | पब्लिक एशिया
Updated: 19 Nov 2021 , 19:17:37 PM
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नयी दिल्ली I राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सुप्रीमो एवं पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को चुनाव में गांव में नहीं घुसने दिया जा रहा था इसलिए मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेकर देर में ही सही लेकिन दुरुस्त कदम उठाया है।


श्री पवार ने कृषि कानून वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले एक साल से शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों को वह सलाम करते हैं और उनके असीम धैर्य की भी दाद देते हैं ।


उन्होंने कहा कि जब वह कृषि मंत्री थे तब कृषि कानूनों में बदलाव करने की चर्चा चल रही थी। केंद्र कृषि क्षेत्र में बदलाव कर निवेश को जगह देने, किसानों को उचित मूल्य दिलाने, बाजार और नयी तकनीक हासिल करने के बारे में सोच रहा था लेकिन उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में किसान आंदोलन कर रहे थे। अब पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं। भाजपा के लोग वोट मांगने जाएंगे तो लोग कानूनों के बारे में पूछेंगे। उनका कहना था कि इस तरह के फैसलों की कीमत चुकानी पड़ती है और यही वजह है कि इन कानूनों को निरस्त किया गया है।


श्री पवार ने केंद्र सरकार के इस कदम को सही बताया और कहा कि बुद्धि देर से आई। उन्होंने कहा , “ मैं उन किसानों को सलाम करता हूं जो पिछले एक साल से अधिक समय से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।”


राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने आंदोलन के दौरान शाहदत देने वाले किसानों के बारे में कुछ नही कहा और ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी पर कोई ठोस आश्वासन दिया है।





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