सरकार जब धान का एक एक दाना खरीदने की बात कर रही है तो किसानों को तंग करने के लिए पोर्टल क्यों लागू किया गया

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 28 Sep 2020 , 12:27:43 PM
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सरकार जब धान  का एक-एक दाना खरीदने की बात कर रही है तो किसानों को तंग करने के लिए पोर्टल क्यों लागू किया गया है-बजरंग गर्ग
सरकार की गलत नीतियों के कारण आढ़ती, राईस मिलर व  किसान बर्बाद हो रहा है- बजरंग गर्ग
सरकार के किसान, आढ़ती व  मिलरों से किया गया अपना वादे के अनुसार काम करना चाहिए- बजरंग गर्ग

चंडीगढ़ - अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जब सरकार किसान की फसल का एक-एक दाना खरीद करने की बात कह रही है तो सरकार किसान को तंग करने के लिए पोर्टल क्यों लागू किया गया है। बार-बार पोर्टल के तकनीकी खराबी होने के कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है। सरकार को पोर्टल व्यवस्था हटानी चाहिए। जब अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र,करनाल,सोनीपत, यमुनानगर,पानीपत जिलें की मंडियां धान से भरी हुई है। किसान धान बेचने के लिए 10 दिनों से मंडियों में धक्के खा रहा है। किसान को शुरूवात में ही अपना धान बेचने में बड़ी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नितियों व तानाशाही फरमानों के कारण आज राईस मिलर, आढ़ती व किसान बर्बाद हो रहा है। जबकि सरकार द्वारा लगातार मिलर, आढ़ती व किसानों की अनदेखी हो रही है जबकि प्रति क्विंटल मिलिंग चार्ज का खर्चा लगभग 80 से 90 रुपए आता है मगर सरकार राईस मिलरों को 10 रुपए प्रति क्विंटल मिलिंग चार्ज दे रही है, जो सरासर गलत है। सरकार को कम से कम 100 रुपए मीनिंग चार्ज करके मिलींग चावल 67 किलो चावल से घटाकर 64 किलो चावल राईस मिलरों से लिया जाए। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने हरियाणा व केंद्र सरकार से मांग की है की तुरंत प्रभाव से राईस मिलरों की समस्या का समाधान किया जाए ताकि जो हजारों किसान अपनी जीरी बेचने के लिए मंडियों में बैठे हैं उनको तकलीफ ना हो जब तक राईस मिलरों की समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक जीरी की खरीद व उठान कैसे होगा। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की सरकार को किसान, मिलरों व आढ़तियों से किए गए अपने वादे के अनुसार काम करना चाहिए  जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मिलों व  आढ़तियों से बातचीत करके घोषणा की थी कि कपास व धान खरीद में आढ़ती, मिलर व किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी जबकि सरकार खरीद करने से पहले ही कह रही है कि कपास की खरीद आढ़तियों के माध्यम की वजह सीसीआई एजेंसी सीधे खरीदेगी, जो उचित नहीं है। सरकार को अपने वादे के अनुसार किसान की फसल मंडी के आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदनी चाहिए ताकि किसान व मिलरों को किसी प्रकार की दिक्कत ना आए।





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