सरकार ने पहली बार माना जो बॉर्डर पर बैठे हैं वे किसान हैं:राकेश टिकैत

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 22 Jul 2021 , 19:42:24 PM
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नई दिल्ली, संवाददादता। दिल्ली सरकार और पुलिस से अनुमति मिलने के बावजूद जंतर मंतर पर किसानों का पहले ही दिन प्रदर्शन फुस्स नजर आ रहा है। सुबह 11 बजे से 200 किसानों का प्रदर्शन शुरू होना था, लेकिन 12 बजे के बाद शुरू हो पाया, क्योंकि प्रदर्शनकारी समय पर जंतर मंतर नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार सुबह राकेश टिकैत समेत 200 किसान सिंघु बॉर्डर से ही देरी से निकले तो रास्ते में उनकी बस खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें दूसरी बस से रवाना किया गया। इसके चलते बसों के जरिये 200 किसान 12 बजे के आसपास दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे। 200 किसानों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ भाकियू नेता राकेश टिकैत भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 4 बसों के जरिये 200 किसान धरना प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर पहुंचे हैं, शाम बजे सभी किसानों को वापस सिंघु बॉर्डर छोड़ना होगा। ये सभी किसान बसों के जरिये वापस भेजे जाएंगे। राकेश टिकैत ने जंतर मंतर पर जारी किसान संसद के दौरान अपने संबोधन में कहा कि 8 माह बाद सरकार ने माना है कि जो बॉर्डर पर बैठे हैं वह किसान हैं। साथ ही कहा कि संसद में जो बैठे हैं जो सत्ता का है या विपक्ष का है अगर वह किसानों की आवाज नहीं उठाएगा हम उसके क्षेत्र में लोगों को बताएंगे। किसान संसद से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव पारित किया जाएगा।





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