साक्षरता अभियान को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता:नायडू

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 19 Dec 2021 , 20:47:03 PM
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नयी दिल्ली ।उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने साक्षरता अभियान को जन आंदोलन बनाने पर बल देते हुए रविवार को कहा कि निजी क्षेत्र सहित सभी पक्षों को आगे आना चाहिए और वयस्क शिक्षा तथा कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में सरकार का सहयोग करना चाहिए।

नायडू ने यहां प्रतिष्ठित नेहरू और टैगोर साक्षरता पुरस्कार प्रदान करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह निराशाजनक है कि आईटी और डिजिटलीकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत प्रगति करने के बावजूद, भारत में अभी भी दुनिया में सबसे अधिक निरक्षर व्यक्ति हैं। इस चुनौती से निपटने के लिए तत्काल कदम उठायें जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि साक्षरता अभियान को एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।

उप राष्ट्रपति ने प्रत्येक वयस्क को साक्षर बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जनमानस के बीच डिजिटल साक्षरता और वित्तीय साक्षरता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि गांवों और शहरी बस्तियों में प्रत्येक शिक्षित युवा को आगे आना चाहिए और अपने इलाके या समुदायों के कम से कम एक व्यक्ति को लिखना और डिजिटल उपकरणों को संचालित करना और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना सिखाना चाहिए।निरक्षरता उन्मूलन का आह्वान करते हुए श्री नायडू ने कहा कि स्कूलों को अपने छात्रों को सप्ताहांत पर अपने क्षेत्रों में वयस्क शिक्षा अभियान शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। छात्रों को ऐसी गतिविधियों के लिए कुछ अतिरिक्त अंक दिए जाने चाहिए। साक्षरता को कौशल शिक्षा की पूर्व शर्त बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल व्यक्ति में आत्मविश्वास पैदा करता है बल्कि उसके सामाजिक जीवन को अधिक सक्रिय और सम्मानजनक बनाने में भी मदद करता है।

प्रौढ़ शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर उचित जोर देने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के आजीवन अवसरों का लाभ उठाने के माध्यम से विकास और विकास के नए रास्ते खोलता है।

नेहरू और टैगोर साक्षरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि वे शिक्षित और सशक्त भारत - ‘शिक्षित और समर्थ भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए अपने काम को जारी रखेंगे।

भारतीय वयस्क शिक्षा संघ 1966 से नेहरू साक्षरता पुरस्कार और 1987 से टैगोर साक्षरता पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थानों को प्रदान कर रहा है जिन्होंने शिक्षा और राष्ट्रीय विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। प्रो. पी. आदिनारायण रेड्डी और प्रो. एम.सी. रेड्डीप्पा रेड्डी को क्रमशः वर्ष 2019 और 2020 के लिए नेहरू साक्षरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि प्रो. अनीता दिघे और श्रीमती निशात फारूक ने पिछले दो वर्षों के लिए क्रमशः टैगोर साक्षरता पुरस्कार प्राप्त किया।






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