सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को उम्रकैद

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 12 Nov 2021 , 18:30:25 PM
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लखनऊ। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने शुक्रवार देर शाम को यह सजा सुनाई। गायत्री के दो अन्य साथियों आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। विशेष जज पवन कुमार राय ने 10 नवंबर को फैसला सुनाया था, जिसमें तीनों दोषी करार दिए गए थे। इस मामले के चार अन्य अभियुक्त गायत्री के गनर रहे चंद्रपाल, पीआरओ रुपेश्वर उर्फ रुपेश व एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।


शुक्रवार को तीनों अभियुक्त कोर्ट में मौजूद रहे।यह है पूरा मामलाः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ 18 फरवरी, 2017 को थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दुष्‍कर्म पीड़‍िता की अर्जी पर दिया था। दुष्‍कर्म पीड़‍िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म का आरोप लगाया था। गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को मार्च 2017 में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।पीड़िता ने बार-बार बदले थे बयान, डेढ़ वर्ष से घर पर नहीं: सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता ने दोषी ठहराए गए पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को लेकर बार-बार बयान बदले थे। उसने वर्ष 2019 में गायत्री को क्लीनचिट भी दे दी थी।


उसने हमीरपुर के एक शख्स को आरोपित ठहराते हुए कहा था कि उसके बहकावे में आकर यह कदम उठाया था। पीडि़ता के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक अन्य मामले में समन जारी किया था। तब से पीडि़ता घर छोड़ कर चली गई थी। वहीं, बुधवार को जब पीडि़ता से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल फोन नंबर भी स्विच आफ मिला।





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