सुबह 8:00 बजे से ओपीडी सेवा शुरू होने के बावजूद भी अपने कमरे से नदारद रहते हैं डॉक्टर

Avaneesh Ku mar | Public Asia
Updated: 15 Sep 2021 , 19:30:45 PM
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-फतेहपुर : फतेहपुर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने अभी हाल ही में अपना एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अपने जनपद के जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मरीजों को हर सुविधा मुहैया कराने का काम करेंगे उनका यह बड़ा बयान भले ही अन्य जनपदों में लागू हो रहा हो किंतु जनपद फतेहपुर में जिला अस्पताल जब से मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित हो गया है

तब से डॉक्टर अपनी मनमानी करते नजर आते हैं वही कहने को तो ओपीडी सेवा सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे तक की रहती है परंतु जिला अस्पताल में कोई भी डॉक्टर समय से अपने कमरे पर नहीं उपलब्ध होते हैं और मरीज सुबह से ही कमरों के बाहर अपना पर्चा बनवाकर डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहते हैं वही आज कमरा नंबर 5 कमरा नंबर 8 कमरा नंबर 7 कमरा नंबर 2 में डॉक्टर के कमरे के बाहर मरीज और तीमारदार तो नजर आए परंतु 11:00 बजे तक डॉक्टर नदारद रहे हालांकि जब इस मामले में तीमारदारों व मरीजों से बात की गई तो उन्होंने भाजपा सरकार पर असंतुष्ट होने की बात कही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़े-बड़े दावे पेश करती है परंतु जमीनी हकीकत पर देखा जाए तो यह दावे खोखले नजर आते हैं बस फर्क इतना है कि प्राइवेट अस्पतालों में फीस देकर इलाज करवाना पड़ता है और दवाई लेनी पड़ती है सरकारी अस्पताल में मात्र फीस नहीं पड़ती परंतु दवाएं सारी बाहर की ही लेनी पड़ती है जिला अस्पताल में समय से डॉक्टर ना उपलब्ध होने के कारण कई बार तो मरीजों को दम भी तोड़ना पड़ा है

परंतु जिला अस्पताल के सक्षम अधिकारी इस बात को नजर अंदाज करने में कहीं पीछे नहीं हटते है यह तो बात रही जनपद के जिला अस्पताल में ओपीडी सेवा की क्या इसी तरीके उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का सपना साकार होगा या फिर आने वाले 2022 के चुनाव में जनता योगी सरकार को सच का आईना दिखाने का काम करेगी।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में हर कमरे में बैठते हैं दलाल वही अभी कुछ दिनों पूर्व जिला अस्पताल में एक वर्ग विशेष सपा मानसिकता के एक नेता के संरक्षण में सपा मानसिकता से ग्रसित जाती होने के नाते एक वर्ग विशेष का दलाल अभी तक एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के संरक्षण करता था जिला अस्पताल में दलाली परंतु एक दलित युक्ति के साथ छेड़छाड़ का मामला होने के बाद कुछ दिनों तक जिला अस्पताल से यह दलाल नदारद रहा क्योंकि इसे डर था कि कहीं उस छेड़छाड़ में इसका तो हाथ नहीं हालांकि दलित युवती के मामले की जांच सदर क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं जिसमें एक आरोपी को मौके पर पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा भी गया है

वही यह दलाल कुछ दिनों तक तो जिला अस्पताल से नदारद रहा परंतु अब वर्तमान समय में कमरा नंबर 1 के डॉक्टर को इसने अपने चंगुल में फंसा रखा है और दवाओं का काम करने वाला यह दलाल जिला अस्पताल के डॉक्टरों को अपने झांसे में लेकर उन्हें अच्छा खासा कमीशन देने की बात कहता है और अपनी दवाई लिखवाता है हालांकि जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस दलाल को लेकर लिखित शिकायत भी की गई है परंतु सक्षम अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए इस दलाल के ऊपर आज तक कार्यवाही करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं वही बात अगर करें दलित महिला से छेड़छाड़ के मामले में तो पूर्व में रहे सदर चौकी इंचार्ज इस दलाल से अच्छी खासी रकम लेकर के इसे नदारद कर दिया था क्योंकि शिनाख्त के समय यह दलाल उस जगह मौजूद नहीं था यदि जिला अस्पताल प्रशासन ने ऐसे दलालों के ऊपर कार्यवाही नहीं की तो समूचा जिला अस्पताल दलाली के दलदल में समाने में देर नहीं लगेगी




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