बच्चे ने आरोपी को किया था पिता मानने से इंकार
हापुड़, कुचैसर रोड़ चौपला में एक पिता ने सौतले बेटे को सारी हदें पार करते हुए इतनी अधिक यातनाएं दी कि बच्चे की जान पर बन गई। बच्चे का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने आरोपी को स्कूल में पिता मानने से इंकार कर दिया था। आरोपी ने शराब के नशे में चूर होकर उसके प्राइवेट पार्टस को भी सिगरेट से जलाया। अगर सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल मौके पर न पहुंची होती तो बच्चे के साथ अनर्थ हो सकता था। पुलिस ने बेरहम सौतेले पिता को अपनी हिरासत में लेकर बच्चे का मेडिकल कराने के लिए अस्पताल में भेज दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक बच्चे निशांत की मां शालिनी ( दोनों नाम काल्पनिक नाम) ने अपने पहले पति को किसी कारण वश छोड़ दिया था। इसके बाद शालिनी ने मेरठ निवासी मनोज के साथ प्रेम विवाह कर लिया। फिलहाल दंपति थाना बाबूगढ़ क्षेत्र स्थित कुचैसर चौपला पर किराए के मकान में रहते हैं। जानकारी के अनुसार शालिनी का बेटा निशांत मनोज को पिता मानने के लिए तैयार नहीं था जबकि शालिनी बेटे पर मनोज को पिता कहने के लिए दबाव बनाती रहती थी। बताया जाता है कि मनोज बच्चे को लेकर स्कूल गया। वहां पिता के नाम की जानकारी की गई तो मनोज ने स्वयं को बच्चे का पिता बताया किंतु निशांत ने तहस में आकर कह दिया कि वह उसका पिता नहीं है। इतने पर ही मनोज आग-बबूला हो गया और बच्चे को लेकर घर आ गया।
देर रात मनोज शराब के नशे में धुत होकर घर पहुंचा और सौतेले बेटे निशांत को अपने पास बुलाकर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। शालिनी ने बच्चे को काफी बचाने का प्रयास किया किंतु मनोज पर पूरी सनक सवार थी। उसने न सिर्फ बच्चे की जमकर धुनाई की बल्कि इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए मनोज उसे तालिबानी यातनाएं देनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, मनोज ने बच्चे के प्राइवेट पार्टस को भी नहीं बक्शा उसे भी जगह-जगह जला डाला। यहां तक कि उसके होठों तक को मनोज ने नहीं बख्शा।
बताया जाता है कि मनोज को बेकाबू होता देख किसी ने डायल 112 पर पुलिस को मामले की सूचना दे दी। जिस समय पुलिस मौके पर पहुंची मनोज का कहर बच्चे पर जारी थी। पुलिस ने आरोपी को जैसे-तैसे कंट्रोल किया और उसे अपनी हिरासत में ले लिया। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि यदि समय के रहते पुलिस जल्द मौका ए वारदात पर नहीं पहुंचती तो बच्चे के साथ अनर्थ भी हो सकता था। वहीं पुलिस ने पीड़ित बच्चे को मेडिकल के लिए अस्पताल भेज दिया।
मां की सनक की मिली मासूम को सजा
शालिनी की सनक की सजा मासूम निशांत को मिली। उसने अपने पहले पति को छोड़ दिया किंतु बेटे के जेहन से उसके पिता की छवि को नहीं मिटा पाई। शालिनी पर सनक सवार थी कि वह मनोज से ही शादी करेगी। इसके बाद शालिनी ने मनोज के साथ प्रेम विवाह तो कर लिया लेकिन निशांत मनोज के किसी भी कीमत पर अपना पिता मानने को तैयार नहीं था। वह बात-बात पर शालिनी से कहता कि मेरा पिता जिन्दा है। मैं उसके जीते-जी किसी को पिता मानने के लिए तैयार नहीं हूं। इसी वजह से निशांत को मनोज के कहर का शिकार होना पड़ा। यदि निशांत भी शालिनी की तरह हालातों से समझौता कर लेता तो उसे तालिबानी सजा से रूबरू नहीं होना पड़ता।
दांपत्य जीवन की खटास बनती है परेशानी का सबब
दांपत्य जीवन में आने वाली खटास अनेक बच्चों का जीवन तबाह कर रही है। महिला थाने में ऐसे मामले से पुलिसकर्मियों को रोजाना रूबरू होना पड़ता है। रोजाना महिला पुलिसकर्मी वैवाहिक जीवन को तबाह होने से बचाने लिए प्रयासरत रहती हैं। ऐसे मामले पुलिस की यही कोशिश रहती है कि किसी भी तरह पति-पत्नी के बीच सुलह हो जाए ताकि उनके बच्चे अमन-चैन की जिंदगी जी सकें।