स्वामी विवेकानंद आज भी युवाओं के अनंत दिग्दर्शक

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 04 Jul 2021 , 16:34:11 PM
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झांसी  वेदांत के विख्यात और आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद के निर्वाण दिवस पर रविवार को झांसी में उनके विचारों के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ़ प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद आज भी युवाओं के अनंत दिग्दर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।
यहां रानीलक्ष्मी बाई पार्क में क्रांतिवीर सेवक संघ के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के निर्वाण दिवस पर “ स्वामी विवेकानंद और आज का युवा” विषय पर सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कर्नाटक के पूर्व सीनेटर डॉ़ सुनील तिवारी की अध्यक्षता और पं बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव डॉ़ प्रमोद कुमार अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में संगोष्ठी सम्पन्न हुई। मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए डॉ़ प्रमोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को प्रतीक मानकर कहा था, कि हमारे अन्दर अनन्त शक्ति है, अनन्त ज्ञान है, अनन्त दिव्य दृष्टि है। यही बिम्ब, युवाओं में, किसी उद्देश्य के प्रति प्रबल आकांक्षा शक्ति को बलवती करती है। वर्तमान युग में भी स्वामी विवेकानंद, युवाओं के लिए अनन्त दिग्दर्शक की भूमिका में है ।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ़ सुनील तिवारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा के शाश्वत संवाहक है। स्वामी विवेकानंद के विचार, युवाओं के सम्मुख सदैव स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत करने के साथ,मौलिक आयाम प्रस्तुत करते है । स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा, जानकारियों का समुच्चय नहीं है, जो हमारे मस्तिष्क में भर्ती दी गई है, और वहां पड़े- पड़े , सड़ती रहे। शिक्षा हमारे चारित्रिक उन्नयन का बिम्ब है। शिक्षा अगर, जानकारियों का समुच्चय होती, पुस्तकालय ही संत और विश्वकोश ही सबसे बड़े ऋषि होते।
संगोष्ठी को सम्बोधित करने वालों में प्रमोद राय, ओम प्रकाश अहिरवार, विनोद जैन, प्रमोद यादव, आनन्द विरथरे, टिंकू खेवरिया, कुमारी राशि साहू, रानी ठाकुर, रिंकू परिहार, मदनमोहन गुप्ता, लक्ष्मी झा आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।संगोष्ठी का संचालन जयप्रकाश विरथरे ने किया। अन्त में संगोष्ठी के संयोजक पं दिनेश मिश्रा ने सभी आगुतंको का आभार ज्ञापित करते हुए युवाओं से स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में ढालने का आहवान किया।





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