हरियाणा में जनवरी में कराए का सकते है निकाय चुनाव

संवाददाता | पब्लिक एशिया
Updated: 19 Nov 2023 , 16:10:14 PM
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पानीपत नगर निगम में वार्डबंदी की तैयारी
चंडीगढ़,। हरियाणा में नगर निकाय चुनाव अगले साल जनवरी  में कराने की प्रबल संभावना है। इस बात के संकेत सरकार के प्रदेश के सात जिलों में वार्डबंदी का शेड्यूल बनाए जाने से मिले है। 
   पानीपत निगम और प्रशासनिक अधिकारियों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में तय किया गया कि इस बार पानीपत, करनाल, रोहतक, यमुनानगर, हिसार, जाखल मंडी और पुंडरी में वार्ड बंदी होगी।
वार्ड बंदी की तैयारियों की यह प्रक्रिया 20 नवंबर से शुरू हो जाएगी और 16 जनवरी को अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। वार्ड बंदी का आधार परिवार पहचान पत्र रहेगा और इसी आधार पर वार्डों की संख्या और सीटों के आरक्षण का भी निर्धारण होगा। माना जा रहा है कि इस बार शहर में 26 के बजाय 29 से 32 तक वार्ड बनाए जा सकते हैं।
चार जनवरी 2024 को नगर निगम का पंचवर्षीय कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। वहीं, आगामी चुनाव को लेकर सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। इससे देरी से होने वाली निकाय चुनाव की अटकलें भी समाप्त हो गई हैं। अधिकारियों का मानना है कि वार्डबंदी में सभी वार्डों में जनसंख्या और क्षेत्रफल को बराबर सीमा में रखा जाएगा।
यह रहेगा वार्डबंदी का शेड्यूल
नई वार्डबंदी के शेड्यूल में 20 नवंबर को शहर के वार्डों की जनसंख्या की मैपिंग की जाएगी। 25 नवंबर को सीटों का निर्धारण होगा। पांच दिसंबर को उपायुक्त एवं निगम उपायुक्त की ओर से गठित एडहॉक कमेटी की बैठक होगी। आठ दिसंबर को नगर निकायों की ओर से वार्ड वार बाउंड्री का हिंदी और अंग्रेजी में नोटिफिकेशन होगा। 12 दिसंबर को प्राथमिक यानी ड्राफ्ट वार्डबंदी प्रकाशित होगी। 22 दिसंबर तक वार्ड बंदी पर आपत्तियां और सुझाव दर्ज करवाए जा सकेंगे।
27 दिसंबर को वार्डबंदी की आपत्तियों और सुझाव को सुनवाई के लिए डीसी के पास भेजा जाएगा। इसके बाद दो जनवरी को फाइनल वार्डबंदी जारी कर दी जाएगी। इसके आधार पर 12 जनवरी को वार्डों के रिजर्वेशन को लेकर एडहॉक कमेटी की बैठक होगी, जिसका अंतिम नोटिफिकेशन 16 जनवरी 2024 को जारी होगा।
वार्डबंदी में जनसंख्या की गणना को लेकर पीपीपी मुख्य आधार रहेगा। पीपीपी में सभी सदस्यों की गणना एक जनवरी 2023 को आधार मानकर की जाएगी। इस वजह से अबकी बार जनसंख्या का आकलन डोर टू डोर नहीं करना पड़ेगा। इसमें समय की भी काफी बचत होगी। वहीं, निगम 2011 की जनसंख्या का ब्योरा पहले ही निकाय को सौंप चुका है। 2011 से लेकर 2023 की जनसंख्या के फासले पर वार्डबंदी की बुनियाद टिकेगी। इसकी जिम्मेदारी एडीसी कार्यालय को दी गई है।




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