हुनर हाट में लगेगी विश्वकर्मा वाटिका :नकवी

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 14 Oct 2021 , 16:45:12 PM
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नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश भर में आयोजित हो रहे हुनर हाट में 'विश्वकर्मा वाटिका' में देश के शिल्पकारों, मूर्तिकारों, संगतराशों, लोहार, बढ़ई, माटी कला, स्वर्ण-कांस्य, कांच, ब्रास कला आदि जैसे सैंकड़ों परंपरागत कार्यों से लोग जीवंत रूबरू होंगे। पहली विश्वकर्मा वाटिका 16 अक्टूबर से उत्तर प्रदेश के रामपुर हुनर हाट में लगायी गई है।

 नकवी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर 'मन की बात' में कहा था कि “जो सृष्टि और निर्माण से जुड़े सभी कर्म करता है वह विश्वकर्मा है| हमारे शास्त्रों की नजर में हमारे आस-पास निर्माण और सृजन में जुटे जितने भी स्किल्ड, हुनरमंद लोग हैं, वे भगवान विश्वकर्मा की विरासत हैं। इनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा था, “आप अपने आस-पास देखिए, लोहे का काम करने वाले हों, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले हों, लकड़ी का सामान बनाने वाले हों, बिजली का काम करने वाले हों, घरों में पेंट करने वाले हों, सफाईकर्मी हों, या फिर मोबाइल फोन-लैपटॉप रिपेयर करने वाले, ये सभी साथी अपनी स्किल की वजह से ही जाने जाते हैं। आधुनिक स्वरूप में ये भी विश्वकर्मा ही हैं।”

 नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था, “ लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को इस तरह का सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई। सोच कुछ ऐसी बन गई कि हुनर आधारित कार्यों को छोटा समझा जाने लगा और अब आज देखिए, पूरी दुनिया सबसे ज्यादा हुनर यानी स्किल पर ही बल दे रही है। हमें हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी | हुनरमंद होने का गर्व होना चाहिए।”

 नकवी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में आयोजित होने जा रहे 75 ‘हुनर हाटों’ की श्रृंखला में रामपुर में 16 से 25 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे हुनर हाट का उद्घाटन 16 अक्टूबर को केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे। इस अवसर पर श्री नकवी एवं केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

उन्होंने कहा कि नुमाइश ग्राउंड, पनवड़िया, रामपुर में आयोजित हो रहे हुनर हाट में 30 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 700 दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर अपने स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों की प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए आये हैं। इस 29वें हुनर हाट में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, नागालैंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार, आँध्र प्रदेश, झारखण्ड, गोवा, पंजाब, लद्दाख, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल एवं अन्य क्षेत्रों से हुनर के उस्ताद कारीगर अपने साथ लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिट्टी आदि के शानदार उत्पाद लेकर आये हैं।

 नकवी ने कहा कि हुनर हाट में 'कबाड़ से कमाल' को प्रोत्साहित करते हुए फेंक दिए जाने वाले लोहे, रबर, प्लास्टिक, कपड़े, शीशे, पीतल, ताम्बा, सेरेमिक, लकड़ी आदि से निर्मित सामग्री 'हुनर हाट' आने वाले लोग देख और खरीद सकेंगे। देश के हर कोने के पारम्परिक विशिष्ट व्यंजनों का सेक्शन बावर्चीखाना में एक ही स्थान पर भारत के सभी प्रांतों के पकवान होंगे। इन पारम्परिक पकवानों में अवध, रामपुर, हैदराबाद, महाराष्ट्र, गोवा, बिहार, राजस्थान, नार्थईस्ट, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मैसूरु आदि के लज़ीज़ व्यंजनों का लोग आनंद ले सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामपुर में आयोजित हो रहे हुनर हाट में प्रतिदिन सायंकाल प्रसिद्ध कलाकार जैसे पंकज उधास, अन्नू कपूर, सुदेश भोंसले, कुमार सानू, अल्ताफ राजा, विनोद राठौर, निजामी बंधू, विवेक मिश्रा, नीलम चौहान, रेखा राज, प्रेम भाटिया, नूरन सिस्टर्स, जूनियर महमूद जैसे जाने-माने कलाकार शानदार गीत-संगीत-ग़ज़ल पेश करेंगे।

 नकवी ने कहा कि हुनर हाट, प्रधानमंत्री के स्वदेशी-स्वावलंबन और वोकल फॉर लोकल के अभियान को मजबूती देने के साथ-साथ स्वदेशी दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार देने और उनके शानदार हस्तनिर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराने का एक 'प्रामाणिक प्लेटफॉर्म' साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि पिछले लगभग छह वर्षों में 'हुनर हाट' के माध्यम से पांच लाख 50 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित होने वाले 75 ‘हुनर हाट’ के जरिए लाखों दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार और रोजगार के मौकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

नकवी ने बताया कि रामपुर के बाद 29 अक्टूबर से सात नवम्बर तक देहरादून, 12 नवम्बर से 21 नवम्बर के बीच लखनऊ, 26 नवम्बर से पांच दिसंबर तक हैदराबाद, 10 दिसंबर से 19 दिसंबर तक सूरत एवं 22 दिसंबर 2021 से दो जनवरी 2022 तक नयी दिल्ली में हुनर हाट का आयोजन होगा। इसके अलावा हुनर हाट का आयोजन मैसुरु, गुवाहाटी, पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, पटना, पुड्डुचेरी, मुंबई, जम्मू, चेन्नई, चंडीगढ़, आगरा, प्रयागराज, गोवा, जयपुर, बेंगलुरु, कोटा, सिक्किम, श्रीनगर, लेह, शिलांग, रांची, अगरतला और अन्य स्थानों पर भी आयोजित होंगे।





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