बाबा साहब के सपने को पूरा करूंगा: केजरीवाल

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 23 Oct 2021 , 18:14:43 PM
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नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था कि हर दलित बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन 70 साल में वह सपना पूरा नहीं हुआ और अब वह उनके सपने को पूरा करेंगे।

 केजरीवाल ने आज त्यागराज स्टेडियम में भगवान वाल्मीकि के प्रकटोत्सव के दौरान कहा कि वाल्मीकि समाज के दो सबसे बड़े आदर्श भगवान वाल्मीकि और डॉ. अंबडेकर हैं और दोनों ने शिक्षा को तवज्जो दी है। दोनों ने एक ही बात कही है कि अगर हमें तरक्की करनी है, तो तरक्की का रास्ता केवल शिक्षा से निकलेगा।

उन्होंने कहा, “ डॉ. अंबेडकर का सपना था कि हर दलित बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन 70 साल में वह सपना पूरा नहीं हुआ। मैंने कसम खाई है कि मैं बाबा साहब के सपने को पूरा करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यही सबसे बड़ी देशभक्ति है कि सभी लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें लायक बना दो, भारत महान देश बन जाएगा। पहले सरकारी स्कूलों में पढ़ाई खराब होती थी, लेकिन अब दिल्ली के सरकारी स्कूल बहुत अच्छे और शानदार हो गए हैं। हमने बच्चे के पैदा होने से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढाई का सारा इंतजाम कर दिया है। ऐसा करने वाली दिल्ली सरकार देश की इकलौती सरकार है।”

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में भगवान वाल्मीकि के प्रकटोत्सव को बहुत ही भव्य तरीके से धूमधाम के साथ मनाया। इस दौरान प्रतिभा सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया, जिसमें केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के स्कूलों से 12वीं में 90 फीसद से अधिक नंबर हासिल करने वाले दलित समाज के 22 मेधावी छात्रों को प्रमाण पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि आज दिल खुश हो गया। आज एक बहुत स्वस्थ परंपरा की शुरूआत हुई है। हर साल दिल्ली में भगवान वाल्मीकि का प्रकटोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर इतने भव्य तरीके से आज पहली बार भगवान वाल्मीकि का प्रकटोत्सव मना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा,“ दिल्ली के कोने-कोने से लोग यहां आए हुए हैं। अपना आशीर्वाद देने के लिए संत आए हुए हैं। इस कार्यक्रम को मनाने का इससे अच्छा तरीका और क्या हो सकता है कि हम उस महान कवि के प्रकटोत्सव पर आज हमने अपने उन बच्चों को सम्मानित किया, जो बच्चे पढ़ाई में 90 फीसद से अधिक नंबर लेकर आए हैं। यह अपने आप में अनोखी बात है। ”

 केजरीवाल ने कहा कि पहले सरकारी स्कूलों में कोई अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहता था। आज सरकारी स्कूलों के बच्चे 90 फीसद से अधिक नंबर लेकर आ रहे हैं। एक-एक बच्चे से उन्होंने बात की। 90 फीसद से अधिक नंबर लाने वाले बच्चों में कोई ऑटो चालक का बच्चा है, कोई मजदूर का बच्चा है। गरीब से गरीब परिवारों से आने वाले बच्चे आज 90 फीसद से अधिक नंबर लेकर आए। अब उनकी आंखों में चमक है और सपना है।केजरीवाल ने कहा कि इस ब्रह्मांड पर संस्कृत का सबसे पहला श्लोक महर्षि वाल्मीकि ने लिखा। संस्कृत का पहला काव्य ग्रंथ रामायण, जिसे महाकाव्य और आदिकाव्य कहा गया है, उसको महर्षि वाल्मीकि ने लिखा। भगवान राम के दोनों बच्चों को शिक्षा देना कोई हंसी-खेल नहीं था। भगवान राम के दोनों बच्चों लव-कुश को महर्षि वाल्मीकि ने शिक्षा दी। वह महान ज्ञानी व्यक्ति थे।

उन्होंने कहा, “ आप सोचकर देंखें कि अगर वह रामायण नहीं लिखते, तो क्या हमें भगवान रामचंद्र जी के बारे में पता चल सकता था। हमें भगवान राम के बारे में कौन बताता? महर्षि वाल्मीकि का सबसे बड़ा उपकार यह है कि उन्होंने पूरी दुनिया और पूरी इंसानियत को भगवान राम के बारे में बताया, उनकी पूरी कहानी बताई। ऐसे महान ऋषि भगवान वाल्मीकि के हम सब लोग अनुयायी हैं। वाल्मीकि समाज के दो सबसे बड़े आदर्श भगवान वाल्मीकि और बाबा साहब डॉ. अंबडेकर हैं। दोनों ने ही सबसे ज्यादा तवज्जो शिक्षा को दी है। महर्षि वाल्मीकि ने तीन संदेश नारी सम्मान, पढ़ाई और करुणा दिए हैं। उन तीनों संदेशों में उन्होंने पढ़ाई पर सबसे ज्यादा बात कही है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “ बाबा साहब डॉ. अंबेडकर बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे। उन्होंने अपने जीवन में बहुत ही संघर्ष किया। उन्होंने एक नहीं, दो-दो डिग्री विदेशों से ली। बाबा साहब ने एक डिग्री अमेरिका से ली और दूसरी इंग्लैंड से ली। जब वह इंग्लैंड से डिग्री ले रहे थे, तब उनके पैसे खत्म हो गए थे, तो उनको बीच में डिग्री छोड़कर वापस आना पड़ा। इसके बाद डिग्री पूरा करने के लिए वह दोबारा इंग्लैंड गए। ऐसे महान व्यक्तियों के अनुयायी होकर अगर हम लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा न दें, अगर हम कम पढ़े-लिखे रह जाएं, तो यह ठीक बात नहीं है।”

 केजरीवाल ने कहा, “आज मैं आप सभी से वोट या पैसे नहीं मांगने आया हूं, लेकिन एक वचन अवश्य मांग रहा हूं कि कुछ भी हो जाए, सारे लोग अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दो। हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी है। आज सबसे बड़ी देशभक्ति यही है कि सभी लोग अपने-अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दो, अपने-अपने बच्चों को लायक बना दो, भारत महान देश बन जाएगा। यह बच्चे ही हमारा भविष्य हैं। भारत आगे कैसे बढ़ेगा? सबके बच्चे अच्छे हो गए, तो भारत अच्छा हो गया। अभी तक हमें समस्या थी। समस्या यह थी कि हम सब लोग गरीब हैं। दलित समाज गरीब है, वाल्मीकि समाज गरीब है। हम अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते थे। प्राइवेट स्कूलों में फीस अनाप-सनाप है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई खराब होती थी। अब यह बहाना नहीं है। अब सरकारी स्कूल बहुत अच्छे और शानदार हो गए हैं।”

उन्होंने कहा, “ हमने दिल्ली के अंदर आपके बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की पूरी व्यवस्था कर दी है। 12वीं कक्षा तक सरकारी स्कूल है, जहां शानदार पढ़ाई होती है। आप सभी को जानकर यह आश्चर्य होगा कि इस साल ढाई लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए हैं। 12वीं करने के बाद आपका बच्चा अगर डॉक्टर, इंजीनियर आईएएस, आईपीएस या किसी भी क्षेत्र में जाना चाहता है, उसे कोचिंग करनी पड़ती है। आजकल कोचिंग बहुत महंगी हो गई है। एक-एक कोचिंग में तीन-चार लाख रुपए लेते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने स्कीम बनाई है कि आप कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले लो और उसका सारा पैसा हम देंगे। ऐसा करने वाली पूरे देश में हमारी अकेली सरकार है। पैदा होने से लेकर उच्च शिक्षा की पढाई का इंतजाम हमने कर दिया है। जब बच्चा कॉलेज में जाएगा, तो हम आपके बच्चे को 10 लाख रुपए तक का ऋण देते हैं। इसके बदले कुछ भी गिरवी नहीं रखना है। सरकार आपके बच्चे की गारंटी देती है कि यह यह बच्चा बड़ा होकर कर्ज वापस नहीं करेगा, तो सरकार वापस करेगी।”

इस दौरान उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष राखी बिड़ला समेत अन्य गणमान्य लोगों ने भी दीप प्रज्वलित किया और सभी ने भगवान वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस समारोह को मंदिर मार्ग स्थित वाल्मीकि मंदिर के महंत पीठासीन मंडलेश्वर कृष्ण शाह विद्यार्थी जी महाराज, कोंडली से ‘आप’ विधायक कुलदीप कुमार, कला संस्कृति एवं भाषा विभाग के प्रमुख सचिव विक्रम देव, वाल्मीकि योगाश्रम जालंधर पंजाब के महंत एवं राष्ट्रीय वाल्मीकि समाज धर्मगुरु महामंडलेश्वर बालयोगी बाबा प्रकटनाथ महाराज और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।





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