सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं होगा डिजिटल रंगभेद

Pooja Kumari | Reporter
Updated: 19 Sep 2020 , 18:22:06 PM
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नई दिल्ली। महामारी ने लोगों से उनका रोजगार छीना सो छीना लेकिन किसे पता था की कोरोना महामारी के बीच शिक्षा भेदभाव प्रभावित होगा जिस प्रकार कोरोना महामारी में छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी है वैसे ही कुछ अन्य पिछड़े छात्र जिनके पास पढ़ने के लिए कोई उपकरण या गैजेट्स नहीं है उनका भविष्य अंधकार में होता जा रहा है एक तरफ देखा जाए तो कोरोना वायरस ने लोगों से उनका रोजगार ही नहीं बल्कि भेदभाव जैसे नीति भी बना दी है लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है बड़ा फैसला जो यह कहता है कि गरीब व पिछड़े छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि वह अपने भविष्य को उज्जवल बना सके कमजोर वर्ग के छात्रों को सुविधाएं ना मिलने से उनके मन में ही भावनाएं शुरू हो जाएंगे जो हमारे समाज के प्रति शर्मनाक दृश्य है लेकिन जब इन छात्रों ने अपनी बात शिक्षकों के सामने रखी तो निजी स्कूल शुल्क देने पर ही उपकरणों की सुविधाएं देने की बात कही लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और मुफ्त में गरीब वर्ग के छात्रों को उपकरण उपलब्ध कराने की सुविधा दी है।





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