शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सार्वजनिक स्थानों पर जमावड़ा कर प्रदर्शन नहीं होगा

पूजा कुमारी | रिपोर्टर
Updated: 07 Oct 2020 , 13:48:18 PM
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नई दिल्ली। फिलहाल से लेकर अब तक शाहीन बाग का मुद्दा शांत था क्योंकि बीच सुशांत केस से लेकर हाथरस कांड ने लोगों को हिला कर रख दिया था जिससे कि पूर्व मीडिया का ध्यान इन पर आकर्षित हो गया और सुशांत और हाथरस कांड की खबरें लगातार सुर्खियों में बनी रही। 

वहीं दिल्ली के शाहीन बाग में 14 दिसंबर से सीएए विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत हुई थी, जो करीब तीन महीने तक चला। सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगडे और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बातकर इस मुद्दे का समाधान निकालने का जिम्मा सौंपा। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुईं, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। बाद में कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू हुआ और 24 मार्च को प्रदर्शन बंद हो गया।

लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो कि शाहीन बाग को लेकर है शाहीन बाग में हो रहे धरना प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर भी कोई प्रदर्शन नहीं किए जाएंगे सीएए को लेकर लोग भड़के हुए हैं जिसके कारण शाहीन बाग पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़कों पर ही धरना दिया जा रहा है जहां भी लोग अनिश्चितकाल तक बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं वही इस हरकत से लोगों को आवाजाही में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। लोगो ने प्रदर्शन का स्थान शाहीन बाग चुना है शाहीन बाग के सार्वजनिक स्थान है जहां लोगों की आवाजाही रोजाना होती है और ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग का बुरा हाल कर दिया है शाहीन बाग इलाके से लोगों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए था।


रिपोर्टर : पूजा कुमारी, दिल्ली एनसीआर

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