साउथ एशियन फ्रैटरनिटी एसोसियशन ने किया प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में काव्य गोष्ठी का आयोजन

अशोक कुमार निर्भय | पब्लिक एशिया
Updated: 06 Feb 2024 , 14:21:37 PM
  • Share With



ज़िन्दगी से ही उजाला ले गया,आँख मेरी आँख वाला ले गया : पंडित प्रेम बरेलवी 
नई दिल्ली। प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के हॉल में साउथ एशियन फ्रैटरनिटी एसोसियशन के बैनर तले दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में लाला लाजपत राय स्मृति काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस काव्य गोष्ठी में देश के प्रसिद्ध शायर पंडित प्रेम बरेलवी ने अपने कलाम से सभी का दिल जीत लिया। पंडित प्रेम बरेलवी ने - "ज़िन्दगी से ही उजाला ले गया। आँख मेरी आँख वाला ले गया।।

हम उसे बस चाहते ही रह गये, और उसने दिल निकाला ले गया।"  जैसे दिल को छू लेने वाले शेंर पढ़कर भरपूर तालियां बटोरीं। इस काव्य गोष्ठी में अतिथि के रूप में विराजमान वरिष्ठ और उस्ताद शायर ख़ुमार देहलवी साहब ने अपना कलाम - "चलो ये काम करते हैं। महब्बत आम करते हैं।। ख़ुदा के नेक बंदों से,महब्बत राम करते हैं।" पढ़कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं। 

काव्य गोष्ठी में आकाशवाणी दिल्ली के कार्यक्रम अधिकारी एवं वरिष्ठ गजलकार राम अवतार बैरवा ने भी हमेशा की तरह मौके का शे'र-  जो सोचकर आए थे,उसे बदलना पड़ता है। बंद कमरे में बहुत संभलके पढ़ना पड़ता है।। मेहमान-ए- ख़ुसुसी होते हैं हम महफिल में,
वो आ जाते हैं तो उठना पड़ता है।' पढ़कर खूब वाह-वाही बटोरी। उन्होंने आगे अपनी चिर-परीचित ग़जल पढ़ी -शीत राग की मधु बेला में जब सब पत्ते झड़़ जाएंगे, तलहट से कुछ नन्हें पौधे नम घूप पकड़ने आएंगे। बीच सड़क पे बे-बस अम्मा तारों से लिपटके रोयेगी, आधी रात जब भूखे बच्चे  चाँद को खाने जाएंगे ।

सावन को कसम दिला देना, इस बार न बरसे सूरत पे,हम किसी सूखे दरिया से प्यास  मांगने जाएंगे।इस काव्य गोष्ठी के अवसर पर कला,साहित्य,टीवी एवं पत्रकारिता जगत की जानी मानी शख्सियत उपस्थित रहीं।




रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान