ग़ाज़ियाबाद मे बने राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का प्रधानमंत्री मोदी ने ऑनलाइन किया उद्घाटन

public asia | पब्लिक एशिया ब्यूरो
Updated: 11 Dec 2022 , 15:57:09 PM
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गाजियाबाद। उत्तर भारत का पहला राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान रविवार से जनता को समर्पित हो जाएगा। संस्थान में अभी ओपीडी में मरीजों का इलाज होगा, वर्ष 2023 से यूनानी  की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 
इसको बनाने में  381 करोड़ की लागत आई हैं और  इस संस्थान का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा से ऑनलाइन किया ।जानकारी के अनुसार इस संस्थान में 14 विभाग है  जहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और शोध की शिक्षा भी मिलेगी। इनमें औषधि विकास, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन, यूनानी चिकित्सा और प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन पर ध्यान केंद्रित रहेगा।राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान बंगलूरू और गाजियाबाद के निदेशक प्रो. अब्दुल वदूद और सलाहकार डॉ. एमए काजमी ने निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। प्रो. अब्दुल ने बताया कि इस समय प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों का इलाज हो रहा है। ओपीडी में चार विशेषज्ञ डॉक्टर काम कर रहे हैं। उद्घाटन के बाद 10 चिकित्सा विशेषज्ञों की नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद ओपीडी में पांच से सात हजार मरीजों का इलाज शुरू होगा। श्रीलंका, ईरान, बांग्लादेश, उजबेकिस्तान व अन्य देशों के छात्रों को भी शिक्षा प्रदान करने के साथ यूनानी पद्धति का प्रचार प्रसार करेगा। इसमें यूनानी दवाओं पर विभिन्न तरह के शोध किए जाएंगे। यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और पीएचडी की शिक्षा भी दिलाई जाएगी। परिसर में कारों की पार्किंग की सुविधा भी है। सुविधाओं की बात की जाए तो संस्थान में ओपीडी, चार ऑपरेशन थिएटर, नर्सरी, सामान्य वार्ड, प्राइवेट वार्ड, आईसीयू, एक्यूप्रेशर कक्ष, फिजियोथेरेपी कक्ष, पंचकर्म कक्ष, जिम्नेजियम, सीएसएसडी, कैंटीन, शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक, ट्यूटोरियल रूम, सेमिनार हॉल, म्यूजियम, लाइब्रेरी, लैब, बहुउद्देश्यीय शोध विभाग, यूनानी फार्मेसी, प्रशासनिक कक्ष व कंप्यूटर कक्ष बने हैं। इसकी निगरानी राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान बंगलूरू से होगी।




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